मनोज जरंगे पाटिल का जीवन परिचय | Manoj jarange Patil Biography in Hindi | 26 जनवरी अपडेट

दोस्तों आज की इस पोस्ट में महाराष्ट्र में चर्चित एक व्यक्तिके बारे में जानकारी देखेंगे जी हां दोस्तों हम मनोज जरंगे पाटिल के बारे में जानकारी देखने वाले हैं की कोण हैं मनोज जरंगे पाटिल और क्यों वह इतने फेमस हो रहे हैं लगभग आज हम Manoj jarange Patil Biography in Hindi देखने वाले हैं |

Table of Contents

तो चलिए जानते हैं की कोण हैं मनोज जरंगे पाटिल और क्यों इतने ज्यादा प्रचलित हुए हैं?

Manoj jarange Patil Biography in Hindi

Manoj jarange Patil Biography in Hindi | मनोज जरंगे पाटिल का जीवन परिचय

नाम मनोज जारांगे
जन्मगेवराई तालुक के माथोरी गांव
शिक्षा माध्यमिक शिक्षा बीड जिले में पूरी की
कामखेती
पिता का नामरावसाहेब जारांगे
मां का नामप्रभावती
चर्चामराठा रिजर्वेशन
राजीनीतिक पार्टी2004 तक कांग्रेस पार्टी के जिला युवा अध्यक्ष 
Manoj jarange Patil Biography in Hindi

कौन है मनोज जारांगे -Manoj jarange Patil Biography in Hindi

बीड जिले के मटोरी गांव के मूल निवासी 41 वर्षीय कार्यकर्ता  मनोज जारांगे पाटिल पिछले 10 से 15 वर्षों से मराठा आरक्षण के लिए लड़ रहे हैं। ने शुरुआत में अपनी आजीविका के लिए जालना के अंबाद में एक होटल में काम किया। पार्टी से अलग होने से पहले उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में अपनी यात्रा शुरू की। गेवराई तालुक के माथोरी गांव में जन्मे मनोज ने अपनी माध्यमिक शिक्षा बीड जिले में पूरी की। वह अपने पिता रावसाहेब जारांगे, मां प्रभावती और तीन भाइयों के साथ पांच लोगों के परिवार से आते हैं।

एक विवाहित व्यक्ति, मनोज ने अपनी पत्नी के नाम का खुलासा नहीं किया है, और वे चार बच्चों के माता–पिता हैं, जिनके नाम ज्ञात नहीं हैं। बीड छोड़कर जालन्या के अंबाद में बसने के बाद भी जारांगे पाटिल मराठा आरक्षण के मुद्दे से कभी पीछे नहीं हटे.घर की स्थिति निराशाजनक होने पर मनोज जारांगे पटल ने कृषि भूमि बेचकर आंदोलन को मजबूत करने के लिए मार्च, आंदोलन, प्रदर्शन और भूख हड़ताल जैसे संघर्षों को आर्थिक ताकत देने का काम किया।

उन्होंने अक्सर खेतों में मजदूरी करके, होटलों में काम करके मराठा आरक्षण के आंदोलन को जीवित रखा। इसके कारण, मनोज जरांगे पटल को मराठा समुदाय के आरक्षण के लिए लड़ने वाले एक उग्रवादी कार्यकर्ता के रूप में जाना जाने लगा। मराठा आंदोलन के लिए पूर्णकालिक काम करते हुए उन्होंने कभी भी अपने परिवार की उपेक्षा नहीं की।

ऊंचाई और शारीरिक गुण (Manoj jarange Patil Information in Hindi)

दोस्तों, मनोज जारांगे की ऊंचाई और शारीरिक विशेषताओं के बारे में विशिष्ट विवरण व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन तकनीकी उद्योग में उनका कद निस्संदेह बहुत बड़ा है। उनकी बुद्धि, जुनून और समर्पण ने उन्हें अपने साथियों और सहकर्मियों के बीच प्रभाव और सम्मान की स्थिति में पहुंचा दिया है। जैसे ही हमें उनके शारीरिक संरचना की जानकारी मिलती है हम जल्दी अपडेट करेंगे

इनके बारे में भी पढ़िए – एकनाथ शिंदे

मनोज जारांगे का परिवार| Manoj Jarange Family

  1. जन्मस्थान और मातापिता: मनोज जारांगे का जन्म महाराष्ट्र के बीड जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम रावसाहेब जारांगे और माता प्रभावती हैं।
  2. भाईबहन: मनोज का पालन-पोषण तीन भाइयों के साथ हुआ, हालाँकि उनके नाम निर्दिष्ट नहीं हैं।
  3. बाबा महाराज सतारकर के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया अतिरिक्त विवरण या विशिष्ट प्रश्न प्रदान करें, और मुझे सहायता करने में खुशी होगी।
Manoj jarange Patil Biography in Hindi

मनोज जारांगे का शिक्षा |  Manoj Jarange Education

मनोज जारांगे ने अपनी प्राथमिक शिक्षा बीड़ जिले से ही की है. सीमित औपचारिक शिक्षा (कक्षा 10+2) होने के बावजूद, जारांगे-पाटिल इस मुद्दे के प्रति गहराई से प्रतिबद्ध हैं और यहां तक ​​कि उन्होंने विरोध प्रदर्शनों के वित्तपोषण के लिए अपनी जमीन का कुछ हिस्सा भी बेच दिया। उसके पास पालने के लिए एक परिवार है।

मनोज जारांगे-पाटिल का करियर और इतिहास | Manoj Jarange Career And History

  1. राजनीति में प्रारंभिक भागीदारी: मनोज जारांगे-पाटिल ने शुरुआत में कांग्रेस पार्टी के सदस्य के रूप में राजनीति में प्रवेश किया। हालांकि, बाद में जब उन्हें एहसास हुआ कि मराठा आंदोलन की आवाज कमजोर हो रही है तो उन्होंने पार्टी छोड़ दी।
  2. शिवबा संगठन का गठन: कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद मनोज ने शिवबा संगठन की स्थापना की. इससे उनकी राजनीतिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया।
  3. हाईप्रोफाइल मामले में संलिप्तता: मनोज जारांगे-पाटिल के नेतृत्व वाला शिवबा समूह, अहमदनगर जिले के कोपर्डी में एक बलात्कार संदिग्ध की मौत के मामले से जुड़ा था। इस घटना ने उनके संगठन की ओर ध्यान खींचा.
  4. मराठा आरक्षण की वकालत: मनोज जारांगे-पाटिल ने लगातार मराठा आरक्षण की वकालत की है। 2021 में, उन्होंने इस मुद्दे पर दबाव बनाने के लिए जालना जिले के साष्टा पिंपलगांव में आठ महीने लंबा आंदोलन चलाया।
  5. गोरीगांधारी आंदोलन: गोरीगांधारी आंदोलन के माध्यम से, मनोज ने मराठा आरक्षण अभियान के दौरान अपनी जान गंवाने वाले व्यक्तियों के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की। इसने मराठवाड़ा में मराठा आंदोलन के नेता के रूप में उनकी प्रमुखता में योगदान दिया।
  6. औरंगाबाद डिविजनल कमिश्नरेट पर मार्च: मराठा संघर्ष के तहत मनोज जारांगे-पाटिल ने औरंगाबाद डिविजनल कमिश्नरेट पर एक मार्च का नेतृत्व किया। इस आंदोलन ने पूरे महाराष्ट्र में महत्वपूर्ण ध्यान और बहस प्राप्त की।
  7. जालन्या में प्रभाव: जालन्या में मार्च के बाद, मनोज ने मराठा आंदोलन में अपनी भूमिका पर प्रकाश डालते हुए एक गरमागरम बहस शुरू की।

मनोज जारांगे राजीनीतिक पार्टी | Manoj Jarange Political Party

Manoj jarange Patil Biography in Hindi

आपको बता दे की मनोज जरंगे अपने अराजनीतिक होने का दावा करते हैं, लेकिन आपको बता दे की जारांगे-पाटिल 2004 तक कांग्रेस पार्टी के जिला युवा अध्यक्ष के रूप में जुड़े थे। और उन्होंने कांग्रेस के जिला अध्यक्ष का काम क्या है

मराठा रिज़र्ववेसन | Maratha Reservation

मराठा कोटा कार्यकर्ता मनोज जारांगे-पाटिल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से सभी मराठों के लिए पूर्ण और व्यापक आरक्षण प्रदान करने के लिए निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वे ऐसी आरक्षण योजना को स्वीकार नहीं करेंगे जो आधी-अधूरी है। मराठा समुदाय के आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र में हिंसक घटनाएं हो रही हैं. जारांगे-पाटिल ने आरक्षण पर शिंदे समिति की अंतरिम रिपोर्ट को स्वीकार करने, 2001 के कानून पर भरोसा करने और 2004 के सरकारी प्रस्ताव से बदलावों को लागू करने के लिए राज्य विधानमंडल के एक विशेष सत्र का आह्वान किया।

उन्होंने सभी मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र प्रदान करने के महत्व पर भी जोर दिया और कहा कि कुनबी प्रमाण पत्र खेती का प्रतीक है और समुदाय के सभी सदस्यों को प्रदान किया जाना चाहिए। उन्होंने आरक्षण के लिए सरकार पर दबाव बनाने और अपनी मांगों को व्यक्त करने के साधन के रूप में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को बढ़ावा देने के लिए मराठा विधायकों और सांसदों को मुंबई में इकट्ठा होने के लिए प्रोत्साहित किया।

  • जारांगे-पाटिल ने मराठा आरक्षण मुद्दे के प्रति अपने समर्पण को प्रदर्शित करते हुए 2011 से 35 विरोध प्रदर्शन आयोजित किए हैं।
  • उनकी प्राथमिक मांग मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण मिले। असफलताओं का सामना करने के बाद 2021 में आंदोलन को नई गति मिली।
  • महाराष्ट्र में राजनेता जारंगे-पाटिल को खुश करने के लिए दौड़ पड़े क्योंकि वह मराठा आरक्षण आंदोलन में एक केंद्रीय व्यक्ति बन गए थे।
  • संभाजीराजे छत्रपति जैसे प्रमुख व्यक्तियों सहित मराठा आरक्षण आंदोलन के लिए नेताओं को खोजने के पिछले प्रयास जारांगे-पाटिल के आगमन तक कम सफल रहे थे।
  • महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा कोटा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जीवन के किसी भी नुकसान से बचने के महत्व पर जोर देते हुए, जारांगे-पाटिल और अन्य लोगों से भूख हड़ताल जैसे चरम उपायों का सहारा न लेने की अपील की। शिंदे, स्वयं एक मराठा होने के नाते, कारण की वैधता को समझते थे।

इनके बारे में भी पढ़िए – नरेंद्र मोदी

कुनबी और मराठा के बारे में जानकारी | About Kunabi Maratha

Manoj jarange Patil Biography in Hindi
  1. कुनबी और मराठा: कुनबी एक मराठी शब्द है जिसका मूलतः अर्थ है “कोई भी।” परंपरागत रूप से, कुनबी मुख्य रूप से खेती या खेती में लगे हुए हैं। खेती एक ऐसा व्यवसाय है जो सभी के लिए खुला है और इस पर कोई धार्मिक प्रतिबंध नहीं है।
  2. मराठों की उत्पत्ति: “मराठा” शब्द मराठी शब्द “मराहट्टा” से लिया गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ है कि कोई व्यक्ति आत्मसमर्पण करने के बजाय मरना पसंद करेगा। मराठों ने शुरू में मुगलों, आदिलशाही, कुतुबशाही और निजामशाही सहित विभिन्न राजवंशों में कमांडर के रूप में कार्य किया। बाद में, उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के नेतृत्व में अपना स्वयं का संप्रभु राज्य स्थापित किया।
  3. कृषि पृष्ठभूमि: पूरे मध्यकाल में, सभी मराठा पारंपरिक रूप से कृषि भूमि पर कब्जा करते थे और उस पर काम करते थे। वे मुख्य रूप से खेती में लगे हुए हैं, जो कुनबियों का प्राथमिक व्यवसाय भी है।
  4. मराठी संत तुकाराम महाराज: श्रद्धेय मराठी संत तुकाराम महाराज ने अपनी गाथा में उल्लेख किया है, “बरे जले देव मी कुनबी जालो,” जो कुनबी परिवार में पैदा होने के लिए भगवान के प्रति अपना आभार व्यक्त करता है। चूँकि तुकाराम महाराज प्रतिष्ठित मराठा कुलों में से एक, मोरे वंश से थे, यह मराठों और कुनबियों के बीच संबंध का सुझाव देता है।
  5. सामान्य उपनाम: मराठों और कुनबियों दोनों के बीच कई उपनाम साझा किए जाते हैं, जैसे “जाधव”, जो दोनों समूहों के बीच एक ऐतिहासिक ओवरलैप और समानता का संकेत देता है।

मराठा और कुनबी समुदाय दो प्रमुख सामाजिक समूह हैं जो पारंपरिक रूप से पश्चिमी भारतीय राज्य महाराष्ट्र में पाए जाते हैं। दोनों समुदायों की अलग-अलग पहचान है, लेकिन उनकी उत्पत्ति और मतभेदों को लेकर अक्सर भ्रम रहता है।

  • मराठा सैन्य कौशल का इतिहास रखने वाला एक योद्धा समुदाय है।
  • कुनबी कृषि के इतिहास वाला एक कृषक समुदाय है।
  • मराठा पारंपरिक रूप से सेना, राजनीति और प्रशासन में शक्ति और प्रभाव वाले पदों पर थे।
  • कुनबी पारंपरिक कृषि पद्धतियों और त्योहारों के लिए जाने जाते हैं।
  • हालाँकि मराठा और कुनबी समुदायों के बीच कुछ ओवरलैप है, लेकिन उनकी अलग-अलग सांस्कृतिक प्रथाएँ और रीति-रिवाज हैं।
  • आज, कुनबी समुदाय को महाराष्ट्र में एक पिछड़े वर्ग के रूप में मान्यता प्राप्त है और सरकारी नौकरियों और शिक्षा में कुछ आरक्षण प्राप्त है।
  • कुल मिलाकर, व्यवसाय और सामाजिक स्थिति में अंतर के बावजूद, मराठा और कुनबी समुदायों ने महाराष्ट्र के इतिहास और संस्कृति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

मनोज जारांगे: लेटेस्ट न्यूज़

Manoj jarange route map pune – जारांगे-पाटिल आज पुणे में; यातायात परिवर्तन पेश किया गया

23 जनवरी को मार्च रंजनगांव से निकलकर कोरेगांव भीमा, चोखिदानी होते हुए खराड़ी पहुंचेगा। खराड़ी में रात्रि विश्राम के बाद, मार्च 24 जनवरी को पुराने पुणे-मुंबई राजमार्ग के साथ पिंपरी-चिंचवड़ के माध्यम से लोनावला की ओर बढ़ेगा। मराठा आरक्षण कार्यकर्ता, मनोज जारांगे-पाटिल के नेतृत्व में पुणे से होते हुए मुंबई तक के रास्ते में निकाले गए मोर्चे के कारण मंगलवार और बुधवार को शहर के पूर्वी हिस्सों में यातायात व्यवधान के प्रभाव को कम करने के लिए, यातायात पुलिस ने वाहनों से संबंधित कुछ बदलाव किए हैं। पुणे पुलिस के यातायात प्रभाग के अधिकारियों ने कहा कि दोनों दिन यातायात में छह परिवर्तन प्रस्तावित हैं।

मनोज जारांगे-पाटिल शेड्यूल | Jarange patil schedule

योजना के मुताबिक मराठा कार्यकर्ता मंगलवार शाम पुणे के चंदननगर-खराडी इलाके में पहुंचेंगे. मंगलवार दोपहर से कार्यकर्ताओं का शहर में आना शुरू होने की उम्मीद है। 23 जनवरी को मार्च रंजनगांव से निकलकर कोरेगांव भीमा, चोखिदानी होते हुए खराड़ी पहुंचेगा। खराड़ी में रात्रि विश्राम के बाद, मार्च 24 जनवरी को पुराने पुणे-मुंबई राजमार्ग के साथ पिंपरी-चिंचवड़ के माध्यम से लोनावला की ओर बढ़ेगा।

यातायात उपायुक्त शशिकांत बोराटे ने कहा, “मोर्चा कार्यकर्ता मंगलवार, 23 जनवरी को शहर में पहुंचेंगे और लोनावला की ओर मार्च करने के लिए बुधवार, 24 जनवरी तक शहर छोड़ देंगे। यातायात पुलिस ने आवश्यक परिवर्तन किये हैं; मुख्य रूप से मंगलवार को अहमदनगर रोड पर, और बुधवार सुबह पुणे-मुंबई पुराने राजमार्ग पर।”

निष्कर्ष:

आशा है दोस्तों की यह पोस्ट “मनोज जरंगे पाटिल का जीवन परिचय | Manoj jarange Patil Biography in Hindi” आपको जानकारी पूर्ण लगा होगा अगर लगा हो तो पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करें. आपको बता दे की मनोज जारांगे सिर्फ एक राजनेता नहीं हैं; वह एक दूरदर्शी नेता हैं जिन्होंने चुनौतियों को अवसरों में और बाधाओं को सीढ़ियों में बदल दिया है। उनकी कहानी महत्वाकांक्षी पेशेवरों के लिए प्रेरणा की किरण है, उन्हें याद दिलाती है कि समर्पण, ज्ञान और दृढ़ संकल्प के साथ, वे भी अपने चुने हुए क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं। ऐसे ही बायोग्राफिकल पोस्ट के लिए हमारे साइट को सब्सक्राइब कीजिए. धन्यवाद !

FAQ

Q.मनोज जारांगे कौन है ?

Ans.महाराष्ट्र के बीड जिले के गेवराई तालुक के माथोरी गांव में जन्मे 41 वर्षीय मनोज जारांगे ,12वि पास किसान के बेटे है जो की ,वर्तमान में मराठा आरक्षण की वकालत करने के लिए पिछले दस दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे उनकी पत्नी ने चिंता व्यक्त की, सरकार से उनके मुद्दे को संबोधित करने का आग्रह किया,

Q. मनोज जारांगे की पढाई कितनी हुई है ?

Ans. सीमित औपचारिक शिक्षा (कक्षा 10+2) तक हुई है |

Q.मनोज जारांगे का परिवार में कौन -कौन है

Ans.मनोज जारांगे का परिवार में वह अपने पिता रावसाहेब जारांगे, मां प्रभावती और तीन भाइयों के साथ पांच लोगों के परिवार से आते हैं। एक विवाहित व्यक्ति, मनोज ने अपनी पत्नी के नाम का खुलासा नहीं किया है, और वे चार बच्चों के माता-पिता हैं |

Q.मनोज जारांगे के पिताजी का नाम क्या है ?

Ans. पिता का नाम रावसाहेब जारांगे 

Q.मनोज जारांगे के माता का नाम क्या है ?

Ans. माता का नाम  प्रभावती हैं।

Q.मनोज जारांगे कहां से है?

Ans. मनोज जारांगे गेवराई तालुक के माथोरी गांव से है

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